AcceptanceInLove

प्रेम में स्वीकृति

क्या प्रेम के इज़हार में केवल इज़हार काफ़ी नहीं है? आखिर, इज़हार के साथ ये प्रश्न चिन्ह क्यों होता है? क्यों हर बार हम अपने इज़हार के साथ, सामने वाले व्यक्ति पर हामी या इनकार का बोझ डाल देते हैं?

Silence

बस! वो खामोशी

क्या तुम्हें याद है की हमारी बातचीत कैसे शुरू हुई? मुझे तो याद नहीं, शायद तुम्हें याद हो! यही तो होता है ना हमारे बीच, जो मैं भूल जाती हूँ तुम्हें याद होता है और जो तुम भूल जाते, वो बखूबी याद रखती हूँ।  दिन, तारीख़, महीना, पता नहीं। पर, हाँ, ...